जिसके हाथ में उसके पसंद का खिलौना
पिता के चेहरे का गर्व
बेटे के जीत जाने की एवज में
कवि की पूरी हो गई कविता
उसके माथे का सकून
खूब तनहाई में
बज उठी फोन की घंटी
भीषण सूखे में उमड़ आए जैसे
काले-काले बादल
दो
नदी के पार से आती
बांसुरी की एक पागल तान
गाय के थन से
झर-झर बहता सफेद और गरम गोरस
जमीन के भीतर से
पहली बार आंख खोलती मकई की डीभी
मेरे गांव के सबसे गरीब किसान
के कर्ज माफ की सरकारी चिट्ठी
कूंएं का मीठा पानी
और बरसाती शाम में घर के चूल्हे से उठता धुंआ
जैसा तुम्हारा प्यार...।
तीन
दुनिया की सबसे सुंदर लड़की के साथ
दुनिया के सबसे बड़े रेस्तरां में
एक ही कप और आधी-आधी कॉफी
दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर
सबसे चमकीली और सफेद वर्फ
सबसे सुंदर घाटी में खिला
सबसे सुंदर एक अकेला फूल
सबसे कर्मठ आदमी के माथे पर
चमकती पसीने की एक अनमोल बूंद
असंभव सपने -सा
तुम्हारा प्यार...।
चार
खूब बेरोजगारी के दिनों में
नौकरी की चिट्ठी
घर जल जाने के बाद भी
बची रह गई बिअहुती साड़ी
बहुत पुराना लाल सिन्होरा
नीम के पेड़ में
लगे तीखे-मीठे निमकौड़ी
खूब लाल एक दसबजिया फूल
चार बजे बजी गुड़ की डली-सी मीठी
स्कूल की छुट्टी की घंटी
घर लौटते वक्त
सिर पर छाई मेघ की छतरी
राह में उगी नरम घास
खाली पैरों को गुदगुदाती
राह में मिली पड़ी
एक चवन्नी
और ढेर सारी गोलिया मिठाई
बिमार मां का उतरा बुखार
बहन के हाथ में चढ़ी मेंहदी
गांव में आई अनाज की गाड़ी
शाम को ढोलक की थाप पर
पूरवी - सोहर-मेहीनी
धीमे-धीमे गांव की अलसाई रात में भिनती
प्यार तुम्हारा वैसा ही...।
पांच
सबसे अच्छी किताब की
सबसे अच्छी कविता
एक पहला प्रेम-पत्र
नाखून से लिखा हुआ
एक याद रह गए
गजल की एक बंद
घर में दरवाजा
जेब में जरूरी कुछ चिल्लड़
और... जैसा प्यार तुम्हारा
छः
दफ्तर जाते हुए रोज
मिलती एक लड़की के कान में
झूलती हुई सबसे सुंदर कनबाली
सुबह-सुबह समय पर रेलगाड़ी के आने की
सूचना देती एक लड़की की
मधुर आवाज
पांच दिन अथक काम करने के बाद
दो दिन की मिली छुट्टी
किसी नई नवेली दुल्हन के हाथ में
शंखा-पोला और खूब चमकता लाल सिंदूर
एक बिंदी
और मंगलसूत्र
गांव से खुशी-खुशी लौटी बारात
पहली बार ससुराल जाती
दुल्हन की डोली
सकून की रोआ-रोंहट
छत पर उगा लौकी का सफेद फूल
गेंदे की हरी पत्तियों में
छुपा एक पीला फूल
खूब जोर की आंधी के बाद भी
बचा रह गया
अमरूद का एक छोटा पौधा
और...
जैसा प्यार तुम्हारा